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आवारा Dogs: बिना कहे बोलते हैं ये आंखें – क्या आप बनेंगे इनका सहारा?

आवारा Dogs, बिना कहे बोलते हैं ये आंखें – क्या आप बनेंगे इनका सहारा?

आवारा Dogs: बिना कहे बोलते हैं ये आंखें – क्या आप बनेंगे इनका सहारा?

क्या आपने कभी सड़क पर घूमते उन आवारा Dogs की आँखों में झाँका है? उनकी आँखें बिना शब्दों के बहुत कुछ कहती हैं – भूख, डर, और एक प्यार भरे घर की तलाश। भारत में लाखों आवारा कुत्ते हर दिन जीवित रहने की जंग लड़ते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इन बेजुबान जानवरों के लिए एक रक्षक बन सकते हैं? इस लेख में हम बात करेंगे कि कैसे आप “हमारे रक्षक इन Dogs का सहारा” बन सकते हैं और इनके जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

आवारा Dogs की स्थिति: एक नज़र

भारत में अनुमानित 6 करोड़ से अधिक आवारा Dogs हैं, जो सड़कों पर भटकते हैं। ये कुत्ते अक्सर भोजन, पानी, और आश्रय की कमी से जूझते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 20,000 लोग रेबीज़ से मरते हैं, जिनमें से अधिकांश मामले आवारा कुत्तों के काटने से जुड़े हैं। यह स्थिति न केवल इन बेजुबानों के लिए दुखद है, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा करती है।

क्यों जरूरी है इन आवारा Dogs का सहारा बनना?

आवारा Dogs की मदद करना केवल एक नैतिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब हम इन बेजुबानों की देखभाल करते हैं, तो हम न केवल उनके जीवन को बेहतर बनाते हैं, बल्कि अपने समुदाय को भी सुरक्षित और स्वस्थ रखते हैं।

एक पशु चिकित्सक और एनजीओ ‘पशु मित्र’ की संस्थापक, कहती हैं, “बिना कहे बोलते हैं ये आंखें – ये कुत्ते हमसे सिर्फ थोड़ा सा प्यार और देखभाल माँगते हैं। अगर हम इनके लिए रक्षक बनें, तो हम एक स्वस्थ और सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।”

हमारे रक्षक इन आवारा Dogs का सहारा: आप क्या कर सकते हैं?

आवारा कुत्तों की मदद के लिए आपको कोई बड़ा कदम उठाने की जरूरत नहीं है। छोटे-छोटे प्रयास भी इनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। आइए, कुछ आसान तरीकों पर नज़र डालें:

1. भोजन और पानी उपलब्ध कराएँ

आप अपने आसपास के आवारा कुत्तों के लिए भोजन और साफ पानी की व्यवस्था कर सकते हैं। सस्ते और पौष्टिक विकल्प जैसे उबले चावल, रोटी, या कुत्तों के लिए विशेष भोजन (dog food) उनके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

2. टीकाकरण में मदद करें

रेबीज़ और अन्य बीमारियों को रोकने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय हैं। कई एनजीओ और स्थानीय निकाय मुफ्त या कम लागत में ये सेवाएँ प्रदान करते हैं। आप अपने क्षेत्र में ऐसी पहल का हिस्सा बन सकते हैं।

उदाहरण के लिए, दिल्ली में ‘फ्रेंडिकोज़’ जैसे संगठन नियमित रूप से टीकाकरण शिविर आयोजित करते हैं। आप इनके साथ स्वयंसेवक के रूप में काम कर सकते हैं या आर्थिक मदद दे सकते हैं।

3. आश्रय प्रदान करें

यदि आपके पास जगह है, तो आप किसी आवारा कुत्ते को गोद ले सकते हैं या उसे अस्थायी आश्रय दे सकते हैं। अगर यह संभव नहीं है, तो अपने आसपास के कुत्तों के लिए छोटे-छोटे आश्रय जैसे पुराने बक्से या छायादार स्थान बना सकते हैं।

4. जागरूकता फैलाएँ

सोशल मीडिया और सामुदायिक समूहों के माध्यम से आप “हमारे रक्षक इन Dogs का सहारा” जैसे अभियानों को बढ़ावा दे सकते हैं। लोगों को शिक्षित करें कि आवारा कुत्तों को डराने या नुकसान पहुँचाने के बजाय उनकी मदद कैसे की जा सकती है।

आवारा कुत्तों के प्रति समाज का दृष्टिकोण

भारत में आवारा Dogs को लेकर लोगों का दृष्टिकोण मिश्रित है। कुछ लोग इन्हें खतरा मानते हैं, जबकि अन्य इन्हें अपने समुदाय का हिस्सा समझते हैं। इस दृष्टिकोण को बदलने के लिए शिक्षा और जागरूकता की जरूरत है।

पशु कल्याण संगठन PETA इंडिया के अनुसार, “आवारा कुत्ते हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे अक्सर रात में चोरों से सुरक्षा प्रदान करते हैं और पर्यावरण को संतुलित रखने में मदद करते हैं।”

कानूनी अधिकार और जिम्मेदारियाँ

भारत में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत आवारा कुत्तों को नुकसान पहुँचाना गैरकानूनी है। साथ ही, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (AWBI) ने आवारा कुत्तों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो उनकी देखभाल को बढ़ावा देते हैं।

निष्कर्ष: बनें इन बेजुबानों के रक्षक

बिना कहे बोलते हैं ये आंखें – ये आवारा Dogs हमसे सिर्फ थोड़ा सा प्यार और देखभाल माँगते हैं। आप छोटे-छोटे कदम उठाकर, जैसे भोजन देना, टीकाकरण में मदद करना, या जागरूकता फैलाना, इनके लिए “हमारे रक्षक इन Dogs का सहारा” बन सकते हैं। हर छोटा प्रयास इनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।

तो, क्या आप तैयार हैं इन बेजुबानों की मदद के लिए? आज ही अपने आसपास के आवारा Dogs के लिए कुछ करें और एक बेहतर, दयालु समाज का हिस्सा बनें।

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